Monday, May 31, 2021

Essay on newspaper in hindi

Essay on newspaper in hindi

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May 27,  · Samachar patra par nibandh, समाचार पत्र पर निबंध, Essay on Newspaper in Hindi, Samachar patra, समाचार पत्र, Newspaper Essay, Newspaper May 28,  · Essay on Newspaper in Hindi: दोस्तों आज हमने समाचार पत्र पर निबंध कक्षा 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा blogger.comted Reading Time: 10 mins Jun 02,  · समाचार पत्र पर निबंध – Newspaper Essay in Hindi June 2, by Laxmi समाचार पत्र पर बड़े तथा छोटे निबंध (Essay on Newspaper in Hindi) समाचार-पत्रों की उपयोगिता – Usefulness Of NewspapersEstimated Reading Time: 2 mins



समाचार पत्र पर निबंध - Essay on Newspaper in Hindi Language



साथ ही, essay on newspaper in hindi, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।. समाचार-पत्रों से होता विविध ज्ञान अनुमान। अखिल विश्व का कर सकते हैं घर बैठे सन्धान॥ विविध विचारों का उद्घाटन विज्ञापन आधार। भिन्न दलों के आलोचन से शासन का उद्धार॥. प्रस्तावना- मनुष्य एक जिज्ञासू प्राणी है। उसकी ज्ञान की प्यास कभी बूझती नहीं। जितना ही ज्ञान बढ़ता है उसकी प्यास और बढ़ती जाती है। एक समय था जब मनुष्य का क्षेत्र सीमित था। यातायात के साधन नहीं के बराबर थे। दस-बीस मील तक के मनुष्यों से ही उसकी जान-पहचान हो सकती थी। सौ दो सौ मील जाना मनुष्य के लिए दृष्कर कार्य था। अत: उसका भौगोलिक, essay on newspaper in hindi, सांस्कृतिक तथा सामाजिक ज्ञान भी सीमित था।.


परन्तु आज विज्ञान के विकास के साथ-साथ मनुष्य के सम्बन्ध व ज्ञान का क्षेत्र भी बढ़ गया है। यातायात के साधनों से काल और स्थान की दूरी बहुत कम हो गयी है। समस्त विश्व आज एक परिवार बन गया है। अत: मनुष्य की ज्ञान-पिपासा और भी अधिक बढ़ गयी है। विज्ञान की कृपा से मुद्रण कला का आविष्कार हुआ है।. मुद्रण कला के आविष्कार ने मानव की जिज्ञासा को शान्त करने में महान योगदान दिया। मुद्रण कला की कृपा से ही समाचार-पत्रों का प्रकाशन भी सम्भव हुआ जो आज मानव जीवन के लिए एक आवश्यक वस्तू बन गया है। समाचार-पत्र को पढ़ना अब प्रतिदिन की दिनचर्या का अंग बन गया है। भोजन और जल की भाँति प्रतिदिन समाचार-पत्र का सेवन आवश्यक हो गया है।.


संसार की स्थिति का ज्ञान- हम ऊपर कह चुके हैं कि आज का संसार एक परिवार बन गया है। संसार का प्रत्येक व्यक्ति जानना चाहता है कि विश्व के विभिन्न देशों में आज क्या हो रहा है। समाचार पत्र मानवं की इस जिज्ञासा को शान्त करता है। समाचार-पत्र, जैसा कि इसके नाम से ही विदित है, समाचारों का पत्र है।.


उसमें संसार के सभी मुख्य-मुख्य समाचार होते हैं। हम घर बैठे जान लेते हैं कि अमुक समय में, अमुक स्थान पर या अमुक नगर में आज क्या essay on newspaper in hindi हुई। विभिन्न देशों, स्थानों या नगरों के समाचार हमें घर बैठे ही मिल जाते हैं।.


नागरिकता का ज्ञान-समाचार-पत्र- प्रचार का भी मुख्य साधन बन गया है। उसमें विभिन्न विचारधाराओं की आलोचना होती है जिससे जनता को राजनीतिक विचारधाराओं की जानकारी होती है। वे सरकार विरोधी दलों के विषय में अपना दृष्टिकोण निश्चित करते हैं। समाचार-पत्रों के द्वारा जनमत को essay on newspaper in hindi विशेष दल के अनुकूल अथवा प्रतिकूल बनाने में काफी सहायता मिलती है।, essay on newspaper in hindi.


साहित्यिक उन्नति-समाचार-पत्रों के प्रकाशन से साहित्यिक क्षेत्र में भी बहुत लाभ हुआ है। आज समाचार-पत्रों में विशेष रूप से साप्ताहिक और मासिक पत्रिकाओं में अनेक कहानियाँ, निबन्ध, महापुरुषों की जीवनी तथा एकांकी नाटक प्रकाशित होते हैं जिनसे साहित्य की उन्नति में पर्याप्त सहायता मिलती है।.


व्यापार में सहायक- व्यापारिक उन्नति में भी समाचार-पत्र बहुत सहायता करते हैं। समाचार-पत्रों में अनेक वस्तुओं के विज्ञापन छपते हैं जिनसे उनका प्रचार होता है और बाजार में मांग बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त विशेष वस्तुओं के विभिन्न बाजारों के भाव भी समाचार-पत्रों में प्रकाशित होते हैं जिससे व्यापारिक लोगों को क्रय-विक्रय में काफी सहायता मिलती है और वे आवश्यकतानुसार अपने माल का आयात-निर्यात करते हैं।, essay on newspaper in hindi.


शासन में सधार- आज के युग में अधिकतर देशों में प्रजातन्त्र शासन प्रणाली है जिसमें प्रत्येक नागरिक को अपने विचार प्रकट करने और सरकार की आलोचना करने का पूर्ण अधिकार होता है। समाचार-पत्रों में विभिन्न दलों और विचारों के लोगों के विचार, सरकार की आलोचना, शासन व्यवस्था की कमियाँ, जनता की आवश्यकताएँ प्रकाशित होती हैं। सरकार को इन आलोचनाओं, विचारधाराओं और आवश्यकताओं पर ध्यान देना पड़ता है।. आलोचनाओं के भय से सरकार शासन व्यवस्था में सुधार करती है। अपनी नीतियों में संशोधन करती है और जनता की मांगों की पूर्ति करने का प्रयत्न करती है। इस प्रकार समाचार-पत्र जनता और सरकार में सम्बन्ध स्थापित करने वाली बीच की कड़ी हैं। यह समाचार-पत्रों का राष्ट्रीय महत्त्व है।.


अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व- अन्तर्राष्ट्रीय दृष्टि से समाचार-पत्रों के द्वारा हम जान सकते हैं कि किस देश की क्या नीति है? कौन-सा देश किस क्षेत्र में और किन साधनों से अधिक उन्नति कर रहा है? कौन देश सभ्यता और संस्कृति की किस सीढ़ी तक पहुँच गया है? प्रत्येक देश की सामाजिक और राजनैतिक स्थिति को जानकर ही हम आज के युग में जीवित रह सकते हैं, तभी विश्वमैत्री की भावना जाग्रत हो सकती है।. उपसंहार- इस प्रकार समाचार-पत्रों की सहायता से अच्छी नागरिकता का विकास होता है। यद्यपि कभी-कभी समाचार-पत्र झूठे विज्ञापनों तथा गलत प्रचार के द्वारा देश और समाज को हानि भी पहुंचाते हैं परन्तु ऐसा तभी होता है जब पत्रों के सम्पादक अपने स्वार्थ के वशीभूत होकर संकीर्ण एवं दलगत विचारों का प्रचार करने लगते हैं।.


मिथ्या समाचारों और विज्ञापनों द्वारा कभी-कभी जनता को लूटा अवश्य जाता है परन्तु यह दोष समाचार-पत्रों का नहीं, उनके सम्पादकों और संचालकों का है। पत्र संचालकों एवं सम्पादकों को दलगत विचारों से ऊपर उठना चाहिए। यदि वे अपने उत्तरदायित्व को समझें और कर्तव्य का पालन करें तो उनके द्वारा व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का महान उपकार हो सकता है।. Menu Maharashtra Board Maharashtra Board Class 10 Maths Maharashtra Board Class 9 Maths Maharashtra Board Class 8 Maths Maharashtra Board Class 7 Maths Maharashtra Board Class 6 Maths Tamilnadu Board Tamilnadu Board Class 10 Maths Solutions Tamilnadu Board Class 10 English Solutions Tamilnadu Board Class 9 Maths Solutions Tamilnadu Board Class 9 Science Solutions Tamilnadu Board Class 9 Social Science Solutions Tamilnadu Board Class 9 English Solutions ML Aggarwal Solutions ML Aggarwal Class 10 Solutions ML Aggarwal Class 9 Solutions ML Aggarwal Class 8 Solutions ML Aggarwal Class 7 Solutions ML Aggarwal Class 6 Solutions Selina Publishers Maths Maths Calculators Essay on newspaper in hindi Formulas Geometry Formulas MCQ Questions Hindi Essay ICSE Solutions.


प्रत्येक देश की सामाजिक और राजनैतिक स्थिति को जानकर ही हम आज के युग में जीवित रह सकते हैं, essay on newspaper in hindi, तभी विश्वमैत्री की भावना जाग्रत हो सकती है। उपसंहार- इस प्रकार समाचार-पत्रों की सहायता से अच्छी नागरिकता का विकास होता है। यद्यपि कभी-कभी समाचार-पत्र झूठे विज्ञापनों तथा गलत प्रचार के द्वारा देश और समाज को हानि भी पहुंचाते हैं परन्तु essay on newspaper in hindi तभी होता है जब पत्रों के सम्पादक अपने स्वार्थ के वशीभूत होकर संकीर्ण एवं दलगत विचारों का प्रचार करने लगते हैं। मिथ्या समाचारों और विज्ञापनों द्वारा कभी-कभी जनता को लूटा अवश्य जाता है परन्तु यह दोष समाचार-पत्रों का नहीं, उनके सम्पादकों और संचालकों का है। पत्र संचालकों एवं सम्पादकों को दलगत विचारों से ऊपर उठना चाहिए। यदि वे अपने उत्तरदायित्व को समझें और कर्तव्य का पालन करें तो उनके द्वारा व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का महान उपकार हो सकता है।, essay on newspaper in hindi.




समाचार पत्र पर निबंध - Essay on \

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